
नई दिल्ली, संविधान क्लब ऑफ इंडिया –
दिल्ली विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. वंदना शर्मा ‘Diya’ (सलाहकार सदस्य – सेंसर बोर्ड, शोध सहयोगी – भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला) और ज्योतिषाचार्य मृत्युंजय शर्मा द्वारा लिखित अद्वितीय शोधग्रंथ “Shani: A Comprehensive Study of Saturn in Global Traditions” का भव्य लोकार्पण नई दिल्ली के संविधान क्लब ऑफ इंडिया में सम्पन्न हुआ।
इस ग्रंथ के अनुवादक डॉ. कौशलेंद्र सिंह (प्रोफेसर, सत्यवती कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय; बौद्ध दर्शन विशेषज्ञ) एवं पुरुषोत्तम बिहारी (छात्र, दर्शनशास्त्र विभाग, ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय) हैं। पुस्तक का प्रकाशन ओरिजिनल पब्लिकेशन, दिल्ली द्वारा किया गया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कलराज मिश्र जी (पूर्व राज्यपाल, राजस्थान एवं हिमाचल प्रदेश) रहे, जबकि विशिष्ट अतिथियों में माननीय श्याम जाजू, प्रो. रामनाथ झा, तथा पद्मश्री आचार्य विश्वनाथ (Jonas Massetti) उपस्थित रहे।
इस पूरे विमोचन कार्यक्रम का संचालन डॉ. वंदना शर्मा ‘Diya’ के शिष्यों द्वारा किया गया, जो सभी ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग से हैं। सागर कुमार ने कार्यक्रम की फ़ोटोग्राफ़ी की, जबकि मंच संचालन हर्ष मिश्रा एवं आदर्श दूबे ने किया। अतिथि सत्कार की ज़िम्मेदारी प्रभात कुमार यादव, मनप्रीत, प्रशांत कंकेरिया, सोनू कुमार और रौशन कुमार ने संभाली। कार्यक्रम में इन सभी छात्रों का सम्मान मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा किया गया।

पुस्तक “Shani: A Comprehensive Study of Saturn in Global Traditions” में शनि ग्रह के ऐतिहासिक, दार्शनिक, खगोलिक और सांस्कृतिक स्वरूप का अध्ययन किया गया है — जिसमें मेसोपोटामियन, ग्रीक-रोमन, मिस्री, भारतीय, बौद्ध, अफ्रीकी और मेसो-अमेरिकन सभ्यताओं में शनि की अवधारणा को गहराई से समझाया गया है। यह ग्रंथ शनि को केवल “दंडदाता” नहीं, बल्कि “कर्म, समय और न्याय के दैव” के रूप में प्रस्तुत करता है।
डॉ. वंदना शर्मा ‘Diya’ ने अपने उद्बोधन में कहा –
“शनि किसी के जीवन में भय नहीं लाते, बल्कि वे आत्मानुशासन, न्याय और कर्म के संतुलन का प्रतीक हैं। जब मनुष्य अपने कर्मों को समझता है, तभी शनि कृपा करते हैं। यह पुस्तक शनि को केवल ज्योतिषीय ग्रह नहीं, बल्कि एक दार्शनिक प्रतीक के रूप में समझने का प्रयास है।”
ज्योतिषाचार्य मृत्युंजय शर्मा ने कहा –
“शनि का प्रभाव व्यक्ति के दृष्टिकोण और कर्मों पर निर्भर करता है। वे दंड नहीं, बल्कि आत्मबोध का अवसर प्रदान करते हैं। हमारे जीवन में हर कठिनाई एक आत्मसाधना का रूप है, और यही शनि का वास्तविक संदेश है।”
कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाने के लिए अनेक विशिष्ट व्यक्तित्व उपस्थित रहे —
आईएएस विश्वपति त्रिवेदी, भारतीय ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तम तिवारी, दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्वान प्रो. अनुराग मिश्रा, हरिमोहन शर्मा जी, सत्यवती कॉलेज के प्राचार्य, डॉ. बृजेश कुंतल (भारत भक्ति फाउंडेशन), तथा डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. अंजन कुमार सिंह।
साथ ही, प्रसिद्ध पत्रकार अमित प्रकाश एवं गजानन माली, और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर विशाल चौरसिया (संस्थापक, Hyperquest) की उपस्थिति ने आयोजन को विशेष रूप से उल्लेखनीय बनाया।
कार्यक्रम का मीडिया कवरेज Ten News Network द्वारा किया गया।